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नए साल में करोड़ों उपयोगकर्ताओं को मिलेगा Satellite broadband service का तोहफा, सरकार ने की तैयारियाँ

नए साल में भारत के करोड़ों मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है। सरकार जल्द ही भारत में Satellite broadband serviceकी शुरुआत कर सकती है। देश के प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियाँ, जैसे Jio, Airtel और Vodafone-Idea के साथ-साथ एलोन मस्क की कंपनी Starlink और अमेज़न की कंपनी Kuiper भी इस क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने की होड़ में हैं। दूरसंचार विभाग (DoT) सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन के संबंध में जल्द ही एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाला है। सरकार ने इस जानकारी को लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान साझा किया।

सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा की शुरुआत के आसार

भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के आने से इंटरनेट की पहुंच दूर-दराज के इलाकों तक पहुंच सकेगी, जहां अब तक सस्ते और तेज इंटरनेट का लाभ नहीं मिल पा रहा था। देश के बड़े दूरसंचार सेवा प्रदाता Jio, Airtel और Vodafone-Idea के साथ-साथ स्पेस-टेक कंपनियाँ जैसे Starlink और Kuiper भी इस सेवा में हिस्सेदारी के लिए तैयार हैं। इन कंपनियों ने अपनी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं, लेकिन इस सेवा को भारत में शुरू करने के लिए सरकार को स्पेक्ट्रम आवंटन पर अंतिम फैसला करना है।

नए साल में करोड़ों उपयोगकर्ताओं को मिलेगा Satellite broadband service का तोहफा, सरकार ने की तैयारियाँ

TRAI और DoT की बैठकें

भारत सरकार ने पिछले महीने (नवंबर 2024) को एक बैठक आयोजित की थी, जिसमें दूरसंचार सेवा प्रदाताओं समेत अन्य संबंधित पक्षों से इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया। इस बैठक के बाद, दूरसंचार नियामक (TRAI) के द्वारा स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर अपनी सिफारिशें सरकार को देने की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार, TRAI 15 दिसंबर तक अपनी सिफारिशें दूरसंचार मंत्रालय (DoT) को सौंप देगा। इसके बाद, सरकार इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजेगी। माना जा रहा है कि दिसंबर के अंत तक कैबिनेट इस निर्णय को मंजूरी दे सकती है, जिसके बाद स्पेक्ट्रम का आवंटन शुरू हो जाएगा।

Jio और Airtel की तैयारियाँ

Airtel और Jio ने पहले ही सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के लिए दूरसंचार मंत्रालय से No Objection Certificate (NOC) प्राप्त कर लिया है। इसके बाद, ये कंपनियाँ अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा को भारत में शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। जियो और एयरटेल ने पहले ही अपनी बुनियादी ढांचा तैयारियाँ पूरी कर ली हैं और जैसे ही स्पेक्ट्रम आवंटित होता है, वे इस सेवा को लॉन्च करने के लिए तैयार होंगे।

Starlink और Amazon Kuiper का इंतजार

हालाँकि, एलोन मस्क की कंपनी Starlink और अमेज़न की कंपनी Kuiper को अभी सरकार की मंजूरी का इंतजार है। Starlink ने अक्टूबर 2022 में भारत में अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करने के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक उसे भारत सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। हालांकि, सरकार ने Starlink को सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा देने की दिशा में सकारात्मक संकेत दिए हैं, लेकिन कंपनी को कुछ और नियमों और शर्तों को पूरा करना होगा।

अमेज़न की कंपनी Kuiper भी इस क्षेत्र में अपनी जगह बनाने के लिए तैयार है। हालांकि, यह कंपनी भी अभी तक सरकार से अनिवार्य अनुमतियाँ प्राप्त करने में सक्षम नहीं हो पाई है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इन कंपनियों को कुछ नियामकीय अनुपालन (compliance) पूरा करने के लिए समय दिया गया है। Starlink ने इस अनुपालन को पूरा करने के लिए अपनी सहमति दे दी है, और अब उसे सरकार से जल्द ही अनुमतियाँ मिल सकती हैं।

स्पेक्ट्रम आवंटन के नियम और प्रक्रिया

स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर ट्राई (TRAI) ने एक प्रक्रिया बनाई है, जिसमें संबंधित कंपनियों को अपनी तकनीकी और वित्तीय स्थिति के आधार पर स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा। सरकार की योजना है कि स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी प्रक्रिया से अलग, प्रशासनिक तरीके से किया जाए। इससे दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को एक निश्चित मार्गदर्शन मिलेगा, जिससे सेवा की शुरुआत जल्दी हो सकेगी।

सैटेलाइट इंटरनेट सेवा को लेकर Jio और Airtel ने स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया की मांग की थी, क्योंकि वे मानते हैं कि यह पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। लेकिन सरकार का मानना है कि इस सेवा के लिए एक प्रशासनिक विधि से आवंटन से तेजी से सेवा प्रदान की जा सकती है।

सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के लाभ

सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के भारत में शुरू होने से कई फायदे होने की संभावना है:

  1. दूरदराज इलाकों में इंटरनेट की पहुंच: सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा भारत के ऐसे क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा पहुँचाएगी, जहाँ अब तक यह सेवा उपलब्ध नहीं हो पाई थी। इससे ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को तेज़ इंटरनेट मिलेगा।
  2. भारत में डिजिटल विभाजन को कम करना: सैटेलाइट इंटरनेट सेवा से भारत के डिजिटल विभाजन को कम करने में मदद मिलेगी, क्योंकि इसके माध्यम से हर जगह इंटरनेट सेवा पहुंचाई जा सकेगी।
  3. गति और लागत: सैटेलाइट इंटरनेट की गति काफी तेज़ होगी, और यह सेवा भारत के दूरसंचार बाजार को और भी प्रतिस्पर्धी बनाएगी। इससे उपभोक्ताओं को अधिक बेहतर और सस्ती सेवाएँ मिलेंगी।
  4. आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल: सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा में अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल होगा, जिससे भारत में इंटरनेट की गुणवत्ता में सुधार होगा।

भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा की शुरुआत आने वाले साल में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। इससे न केवल इंटरनेट सेवा की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूती मिलेगी। सरकार ने इस दिशा में तेजी से कदम उठाए हैं और जल्द ही इसे लागू करने की योजना है। हालांकि, कुछ कंपनियाँ इस प्रक्रिया में थोड़ा समय ले सकती हैं, लेकिन सरकार का लक्ष्य है कि नए साल तक भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा की शुरुआत हो जाए।

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